OLD Pension Scheme News Today: देशभर के सरकारी कर्मचारी लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की मांग कर रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि फिलहाल इस योजना को फिर से शुरू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। संसद में सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने OPS से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी दी।
पुरानी पेंशन योजना बहाली पर सरकार का रुख
संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के तहत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए OPS की बहाली पर सरकार अभी कोई विचार नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि OPS को बंद करने और NPS लागू करने के पीछे मुख्य कारण सरकारी खजाने पर बढ़ता वित्तीय बोझ था।
OPS बंद करने की वजह
वित्त मंत्री के अनुसार, OPS के तहत पेंशन का पूरा खर्च सरकार को उठाना पड़ता था, जिससे राज्य और केंद्र दोनों पर भारी कोषीय दबाव पड़ रहा था। इसी कारण OPS को पूरी तरह से बंद कर दिया गया और इसकी जगह पर 1 जनवरी 2004 से NPS को लागू कर दिया गया, जो कि एक अंशदान पर आधारित एक योजना है और इसमें सभी कर्मचारी और सरकार दोनों मिलकर के योगदान करते है।
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NPS में सुधार और नया विकल्प
सरकार ने NPS में सुधार के लिए एक कमेटी बनाई, जिसके सुझाव के बाद यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को पेश किया गया। अब कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अगर आप पेंशन की सोच रहे हैं तो NPS या UPS में से किसी एक को चुनने का सीधा विकल्प आपके पास है। UPS को 1 अप्रैल 2025 से लागू कर दिया गया है।

UPS के तहत मिलने वाले फायदे
इसके तहत अंतिम 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में लाभर्थियों को मिलेगा।
इसके लिए कम से कम 25 साल की सेवा पूरी करनी होगी।
यदि कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो परिवार को पेंशन का 60% मिलेगा।
न्यूनतम ₹2000 मासिक पेंशन का प्रावधान है, जो कम से कम 10 साल सेवा करने वालों को मिलेगा।