PAHAL Yojana भारत की LPG सब्सिडी को सीधे बैंक खाते में भेजती है। आधार लिंकिंग और बायोमेट्रिक सत्यापन से 4 करोड़ नकली कनेक्शन हटाए गए, जिससे पारदर्शिता बढ़ी और 17 करोड़ उपभोक्ताओं तक सही लाभ पहुंचा। पहल योजना के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है –
पहल योजना संक्षिप्त परिचय
एलपीजी का प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBTL) या PAHAL योजना पहली बार 1 जून 2013 को शुरू हुई थी, जो बाद में 291 जिलों तक फैली। शुरुआती स्टेज में एलपीजी गैस सब्सिडी पाने के लिए आधार नंबर अनिवार्य किया गया था, लेकिन उस समय बहुत से लोगों के पास आधार ही नही थे जिनके पास थे उन्हें वेरिफिकेशन करने में कठिनाई हो रही थी और इन्हीं समस्याओं को देखते हुए सरकार ने योजना की जांच करवाई और संशोधन करके दोबारा से इसे 15 नवंबर 2014 को 54 जिलों में और 1 जनवरी 2015 को पूरे देश में लागू कर दिया गया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य एलपीजी सब्सिडी में पारदर्शिता लाना, डुप्लीकेट कनेक्शन समाप्त करना और लाभ सीधे पात्र उपभोक्ताओं के बैंक खातों में पहुंचाना है।
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सरकार की बड़ी कार्रवाई – 4 करोड़ नकली या निष्क्रिय LPG कनेक्शन रद्द
PAHAL (Pratyaksh Hanstantrit Labh) योजना, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसके तहत एलपीजी सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाती है। हाल ही में इस योजना के अंतर्गत एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारत सरकार ने 4 करोड़ से अधिक नकली या निष्क्रिय घरेलू एलपीजी कनेक्शन बंद कर दिए हैं। यह कार्रवाई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) और PAHAL योजना दोनों के लाभार्थियों पर लागू हुई है। संसद में यह जानकारी पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दी।
Pahal Yojana के माध्यम से आधार वेरिफिकेशन से बढ़ी पारदर्शिता
सरकार ने आधार कार्ड लिंकिंग, बायोमेट्रिक आ अथेंटिकेशन और केंद्रीकृत एलपीजी गैस डाटाबेस जैसी तकनीकों को अपनाकर ग्राहकों के लिए सब्सिडी प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाया है।
1 जुलाई 2025 तक, देश के 33 करोड़ सक्रिय एलपीजी उपभोक्ताओं में से लगभग 92% ने अपना आधार सिस्टम में अपडेट किया है।
हाल ही में आई रिपोर्ट के अनुसार DBTL योजना से संबंधित लगभग 30 करोड़ ग्राहकों में से लगभग 86 लाभार्थी पूरी तरह से आधार ऑथेंटिकेशन के लिए वैलिड हैं।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में सुधार (PMUY Reforms)
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 67% लाभार्थियों ने बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण पूरा कर लिया है, जो अब नए कनेक्शन के लिए अनिवार्य है। इसके साथ ही:
8.49 लाख उज्ज्वला कनेक्शन रद्द किए गए।
12,000 निष्क्रिय खातों को समाप्त किया गया।
डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (DAC) और शिकायत नियंत्रण प्रणाली
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) ने डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (DAC) प्रणाली लागू की है, जिससे सब्सिडी चोरी पर अंकुश लगा है। अब उपभोक्ताओं को SMS अलर्ट के ज़रिए गैस बुकिंग से लेकर डिलीवरी तक की जानकारी दी जाती है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 193.98 करोड़ गैस सिलेंडरों की डिलीवरी हुई थी, जिनमें केवल 0.08% मामलों में शिकायतें प्राप्त हुईं।
PAHAL Yojana कैसे काम करती है?
- उपभोक्ता बाजार मूल्य पर एलपीजी सिलेंडर बुक करता है।
- सिलेंडर की डिलीवरी के बाद, सरकार सब्सिडी की राशि सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में ट्रांसफर करती है।
- इसके दो प्रकार के उपभोक्ता होते हैं:
आधार आधारित DBT: आधार एलपीजी उपभोक्ता नंबर और बैंक खाते, दोनों से लिंक।
गैर-आधार विकल्प: बैंक खाता सीधे उपभोक्ता संख्या से जुड़ा।
PAHAL Yojana के उद्देश्य
सब्सिडी में चोरी रोकना और बिचौलियों को समाप्त करना।
वास्तविक उपभोक्ताओं तक लाभ पहुंचाना।
सिलेंडरों की उपलब्धता और डिलीवरी में सुधार करना।
नकली और डुप्लीकेट कनेक्शनों को समाप्त करना।
उपभोक्ताओं को सब्सिडी लेने का आत्मनिर्णय (Self-Selection) का विकल्प देना।
PAHAL Yojana से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
दुनिया का सबसे बड़ा नकद हस्तांतरण कार्यक्रम, जिसमें 17 करोड़ से अधिक उपभोक्ता शामिल हैं।
DBT प्रणाली ने एलपीजी सब्सिडी को देने में पूरी तरह से पारदर्शिता का पालन किया है।
DAC प्रणाली डिलीवरी के समय उपभोक्ता से प्रमाणीकरण लेकर धोखाधड़ी रोकती है।
PMUY में अब बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य है।
निष्कर्ष
PAHAL Yojana ने न केवल एलपीजी सब्सिडी वितरण में पारदर्शिता और सटीकता बढ़ाई है, बल्कि यह योजना सामाजिक सुरक्षा को भी मजबूत कर रही है। सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि हर पात्र उपभोक्ता को बिना किसी गड़बड़ी या भ्रष्टाचार के सीधा लाभ मिले।