UP Outsourcing Salary Hike Decision 2025: उत्तर प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम‘ (UPCOS) के गठन को मंजूरी दे दी है। इस निगम का उद्देश्य कर्मचारियों के पारिश्रमिक, सामाजिक सुरक्षा, और श्रम अधिकारों की रक्षा करना है। यह फैसला कर्मचारियों के जीवन में स्थायित्व और भरोसा लाने के साथ-साथ प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।
आउटसोर्स सेवा निगम को मंजूरी
UP Outsourcing Salary Hike Decision 2025: वर्तमान में, उत्तर प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती और वेतन का प्रबंधन निजी एजेंसियों के माध्यम से होता है। लेकिन इन एजेंसियों द्वारा मनमानी, वेतन में कटौती, और समय पर भुगतान न होने की शिकायतें आम रही हैं। कर्मचारियों की इन समस्याओं को देखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘आउटसोर्स सेवा निगम‘ के गठन का ऐतिहासिक फैसला लिया है। इस निगम को कैबिनेट की मंजूरी के बाद जल्द ही लागू किया जाएगा, जिससे कर्मचारियों को उनकी मेहनत का पूरा लाभ मिल सके।
समय पर वेतन और बेहतर सुविधाएँ
UP Outsourcing Salary Hike Decision 2025: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान व्यवस्था में आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन विकेन्द्रीकृत प्रणाली के तहत होता है, जिसके कारण कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलता और कई बार उनकी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं जैसे EPF और ESI में भी अनियमितताएँ होती हैं। नई व्यवस्था में, निगम के माध्यम से कर्मचारियों का वेतन सीधे उनके बैंक खातों में हर महीने की 5 तारीख तक जमा किया जाएगा। इसके अलावा, निगम यह सुनिश्चित करेगा कि कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना बीमा, और पेंशन जैसी सुविधाएँ भी मिलें।
निगम की नियुक्तियों में आरक्षण का पालन
प्रस्तावित निगम के तहत होने वाली सभी नियुक्तियों में आरक्षण नीतियों का सख्ती से पालन किया जाएगा। अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), महिलाएँ, दिव्यांगजन, और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण प्रावधान लागू होंगे। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से निराश्रित महिलाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया गया है कि नियमित पदों के लिए आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होगी, और किसी कर्मचारी को बिना सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के सेवा से हटाया नहीं जाएगा।
न्यूनतम वेतन ₹18000 से ₹25000
UP Outsourcing Salary Hike Decision – नए निगम के लागू होने के बाद, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को न्यूनतम ₹18,000 से अधिकतम ₹25,000 तक मासिक वेतन दिया जाएगा। यह वेतन कर्मचारियों के पद और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर निर्धारित होगा। पहले कई कर्मचारी ₹10,000 से भी कम वेतन पर काम करने को मजबूर थे, और एजेंसियों द्वारा कटौती के कारण उनका शोषण होता था। इस नए फैसले से कर्मचारियों को आर्थिक स्थिरता मिलेगी और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
कर्मचारियों के लिए जरूरी सलाह
UP Outsourcing Salary Hike Decision: आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी सभी जानकारी, जैसे बैंक खाता और आधार कार्ड, अपडेट रखें। अगर आपका EPF या ESI खाता अभी तक नहीं खुला है, तो अपने विभाग या नजदीकी निगम कार्यालय से संपर्क करें। इसके अलावा, ताजा अपडेट्स के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या (https://sewayojan.up.nic.in/jobs.aspx)निगम के पोर्टल पर नजर रखें। किसी भी समस्या के लिए आप निगम के हेल्पलाइन नंबर से संपर्क कर सकते हैं।
अगर वेतन में देरी हो तो क्या करें?
UP Outsourcing Salary Hike Decision 2025: यदि आपको समय पर वेतन नहीं मिलता या आपके वेतन में कोई कटौती हो रही है, तो तुरंत निगम के जिला स्तरीय शिकायत निवारण केंद्र से संपर्क करें। आप निगम के आधिकारिक पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आपका बैंक खाता और आधार लिंक हैं, ताकि भुगतान में कोई रुकावट न आए।
निष्कर्ष – आखिरी बात
उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम का गठन कर्मचारियों के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि उनकी गरिमा और सामाजिक न्याय को भी बढ़ावा देगा। कर्मचारियों को सलाह है कि वे अपनी जानकारी अपडेट रखें और निगम की प्रक्रियाओं का पालन करें, ताकि उन्हें इस योजना का पूरा लाभ मिल सके। ताजा जानकारी के लिए सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर नजर रखें।